-अपर अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सुनाई सजा
-बलुआ थाने में अबोध बालक की हत्या का मामला
चंदौली : अपर अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने मंगलवार की शाम हत्या के मामले में पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने आरोपितों के खिलाफ 40-40 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की धनराशि जमा नहीं करने पर आरोपितों को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतानी होगी। मामला बलुआ थाने में चार दिसंबर 2005 को अबोध बालक की हत्या का है। घटना में शामिल बिहार के रोहतास जिले के अलग-अलग ग्रामों के रहने वाले पांच व्यक्तियों के खिलाफ थाने मे मुकदमा दर्ज किया गया था।
कैथी गांव के वृजेश तिवारी का सात वर्षीय पुत्र साैरभ तिवारी कक्षा एक का छात्र विद्यालय में पढ़ने के लिए गया था। शाम होने तक वह वापस नहीं लौटा तो पिता ने बलुआ थाने में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई। किसी ने बताया कि वह अपने मामा के साथ कहीं गया है तो स्वजन निश्चिंत हो गए। कई दिन बाद जब सौरभ का नहीं पता चला तो पिता ने थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। कोर्ट ने मामले में धनंजय चौबे निवासी ग्राम हेरिया थाना दुर्गावती, सुमंत मिश्रा निवासी न्यू एरिया डेहरी आनसोन थाना डेहरी आनसोन, बसंत मिश्रा न्यू एरिया डेहरी आनसोन, अजीत मिश्रा निवासी न्यू एरिया डेहरी, मुन्ना तिवारी जिला रोहतास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।