चंदौली। जिला न्यायालय एवं जिला मुख्यालय निर्माण का आंदोलन अनवरत 75वें दिन बुधवार को भी जारी रहा। इस दौरान सर्वप्रथम अधिवक्ताओं ने राष्ट्रगान के बाद चंदौली कचहरी परिसर का चक्रमण किया और चंदौली के जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही जिला न्यायालय व जिला मुख्यालय के निर्माण व विकास को तीव्रगति से पूरा किए जाने की पुरजोर मांग की। संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष धनंजय सिंह ने कहा कि आंदोलन को अनवरत जारी रखकर अधिवक्ताओं ने बता और जता दिया कि वे संगठित हैं, सशक्त हैं और चंदौली की प्रति पूर्ण रूप से समर्पित है। यही वजह है कि तमाम राजनीतिक व प्रशासनिक दबाव के बावजूद अधिवक्ता अडिग रहे। आह्वान किया कि चंदौली की जनता अधिवक्ताओं के हौसले व उत्साह को बढ़ाने के लिए पदयात्रा निरंतर आगे बढ़ रही है।
इस दौरान सत्येंद्र कुमार बिंद ने कहा कि अधिवक्ताओं ने बीते आठ सितंबर को चंदौली से दिल्ली पदयात्रा करते लखनऊ पहुंच चुके हैं। इस दौरान बीच में सत्ता पक्ष के किसी भी नेता, विधायक व मंत्री ने सुधि नहीं ली और ना ही प्रशासन ने ही मांगों को पूरा करने के प्रति तत्परता दिखाने का काम किया। जबकि अधिवक्ता पूरे चंदौली के विकास की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस प्रकार की निष्क्रियता उनकी नाकामी को प्रदर्शित करती है। योगेंद्र सिंह ने कहा कि अधिवक्ता चंदौली व चंदौलीवासियों के सम्मान, हक और अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। प्रशासनिक व राजनीतिक उपेक्षा व शिथिलता के कारण चंदौली को विकास से दूर रखा गया। तमाम प्रयास व संघर्ष के बावजूद राजनेता व अधिकारी स्थानीय जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। कहा कि यदि जल्द न्यायालय व जिला मुख्यालय के निर्माण को लेकर ठोस पहल नहीं की गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। जिसके लिए पूरी तरह से स्थानीय प्रशासन व सत्ता पक्ष के नेता व जनप्रतिनिधि जिम्मेदार होंगे। इस अवसर पर सत्यप्रकाश केशरी, दिनेश यादव, रामकृत राम, प्रतिमा दुबे, मुन्ना विश्वकर्मा, संतोष सिंह, नीरज सिंह, बहादुर यादव, प्रमोद कुमार सिंह, पूरन यादव, संदीप सिंह, डा.राकेश कुमार मौर्य, मोहम्मद इस्माइल अंसारी, प्रवीण यादव, विद्या विनय शंकर, देवराज मौर्य, पवन दुबे, सोनू शेख आदि उपस्थित रहे। सभा की समाप्ति की घोषणा सुजीत कुमार सिंह व संचालन राजेश दीक्षित ने किया।