चंदौली। बरहनी ब्लाक के धारूपुर गांव में शनिवार को इफको द्वारा मृदा परीक्षण अभियान का आयोजन किया। उक्त कार्यक्रम में क्षेत्रीय अधिकारी अभिषेक त्रिपाठी द्वारा किसानों को यूरिया नैनो व डीएपी बारे में जानकारी दी गई। साथी ही खेतो में मिट्टी का नमूना लेने के लिए वैज्ञानिक तरीके के बारे में विस्तार से बताया गया।
इस दौरान अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि धान की नर्सरी में नैनो का प्रयोग करने से खेतों में पैदावार अच्छी होगी। साथ ही किसान खेत में अधिक लागत लगाने से बच जाएंगे। खेतो में नैनो के प्रयोग से मिट्टी में उर्वरकता बनी रहेगी। उसके इस्तेमाल से पोषण की बर्बादी नहीं होगी। इसका इस्तेमाल उर्वरक के बेहतर विकल्प के रूप में किया जाता है। जिससे मिट्टी और हवा की क्वालिटी में सुधार होता है। और फसलों के उत्पादक के साथ-साथ उत्पादकता में भी वृद्धि होती है। एसएफए मयंक सिंह ने कहा कि नैनो यूरिया की मात्र 2-4 मिली लीटर मात्रा को एक लीटर पानी में घोलकर खड़ी फसल पर छिड़कते हैं। जो नाइट्रोजन की कमी वाली फसलों के लिये अमृत का काम करता है। खासकर, दलहनी, तिलहनी, अनाज, कपास, फल और सब्जी फसलों के लिये नैनो यूरिया का छिड़काव फायदेमंद साबित होता है। हॉटस्पॉट दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसान अपने खेतों में अधिक नैनो डीपीपी यूरिया प्रयोग करें जिससे फसलों का पैदावार अच्छी हो सकें। इस दौरान जितेंद्र सिंह, कृपा शंकर तिवारी, ओमप्रकाश तिवारी, गोपाल सिंह, अमन रविकांत, विद्याधर तिवारी, रत्नेश तिवारी, मनीष तिवारी, विनीत तिवारी, बृजेश त्रिपाठी, सैकड़ों किसान मौजूद रहे।



