चंदौली। देश के बंटवारे का दर्द कभी भुलाया नहीं जा सकता है। भारतीय इतिहास के लिए 14 अगस्त काला दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए, ताकि आने वाले पीढ़ी इतिहास को जाने और भारत के इतिहास में एक ऐसा दुर्भाग्यशाली दिन के प्रति याद करें। नफरत और हिंसा ने लाखों लोगों को अपने घरों से विस्थापित किया और लाखों की संख्या में जान चली गई अखंड भारत की आजादी की इतिहास में 14 अगस्त की तारीख को आंसुओं से लिखकर रक्तरंजित कर देश का विभाजन किया गया। उक्त बातें केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय मुख्यालय स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए कही।इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विभाजन का दर्द और उसे दौरान हुई हिंसा देश की स्मृति में आज भी गहराइयों से अंकित है उसे कभी बुलाया नहीं जा सकता भारत की विभाजन की पीड़ा के लिए 14 अगस्त भारतीय इतिहास के लिए काला दिवस है। इसे भारतीय जनता पार्टी विभाजन विश्व का के रूप में पूरे देश में 14 अगस्त को मना रही है। कहा कि हम भारतीयों को इस दिन को याद रखने की जरूरत है क्योंकि हमारी लाखों बने और भाई विस्थापित हो गए और कई लोग बेवजह नफरत के कारण अपनी जान गवा दी।उन्हें विभाजन के दौरान यातना पूर्ण व्यवहार और हिंसा का सामना करना पड़ा यही नहीं विभाजन के बाद भारत में उनकी लाशें और उसमें छिप कर लो भारत आए। कहा कि 30 दिसंबर सन 1960 को गौर संप्रदायिक संगठन मुस्लिम लीग का किया गया मुस्लिम लीग ने अपने जन्म से ही प्रतिवादी नीतियों को अपनाया और भारत में लोकतांत्रिक संस्थाओं का विरोध किया 1939 में मुस्लिम लीग ने देश में व्यापक दंगे करवाए और लाहौर में 1940 में मुस्लिम लीग का सम्मेलन हुआ जिसमें उन्होंने 2 राष्ट्र का सिद्धांत प्रतिपादन किया मुस्लिम तौर पर घोषणा किया कि साथ रहने की अपेक्षा अलग देश चाहते हैं मुस्लिम लीग द्वारा डायरेक्ट एक्शन डे के तहत देश में दंगे और उन्माद फैलाया गया और देश में हत्या लूट आगजनी दुराचार का दौर शुरू हो गया। अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति कारगर साबित हुई और भारत का विभाजन हो गया। पंडित जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेसी द्वारा विभाजन स्वीकार करना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी भारत विभाजन के परिणाम स्वरूप लाखो लोग मारे गए। डेढ़ करोड़ से अधिक लोग बेघर हुए एक लाख महिलाओं के साथ अत्याचार किए गए। कहां की हमें विभाजन भविष्य का को सदर स्मृति में रखना है जिससे विभाजन और उसके द्वारा जो परिस्थितियां पैदा हुई जैसे तुष्टीकरण की राजनीति, विभाजन ताकतों के विचार हावी होने देना और लोगों को नुकसान पहुंचाने वाली सोच के साथ खड़ा होना जैसी परिस्थितियां कभी नहीं होनी चाहिए यही नहीं जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल से श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना इस्तीफा दे दिया है भारतीय जनता पार्टी 14 अगस्त को प्रदेश के सभी जनपदों में विभाजन के विस्थापन तथा शहीद हुए देशवासियों के प्रति स्मृति में मौन जुलूस निकालेंगे और और मानवी देश के विभाजन के कारणों पर चर्चा करेगी। इस दौरान मीना चौबे, अभिमन्यु सिंह, सर्वेश कुशवाहा, शिव शंकर पटेल शुभम गुप्ता जितेंद्र पांडेय, संजय सिंह, आशुतोष सिंह, राज किशोर सिंह, जैनेंद्र कुमार और शिवराज सिंह उपस्थित रहे।



