चंदौेली के सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने मंगलवार को नई दिल्ली के संसद में किसानों के हालात और दुर्दशा का मुद्दा उठाया। उन्होने नहरों की जर्जर हालत से सदर को अवगत कराया। बताया कि धान का कटोरा कहे जाने वाले चंदौली जिले में नहरों का जाल हैं। लेकिन देखरेख और मरम्मत के अभाव में नहरें जर्ज हो चुकी हैं। ऐसे में फसलों की सिंचाई के लिए अन्नदाताओं को निजी संसाधनों का प्रयोग करना पड़ता हैं। जिससे अन्नदाताओं की हालत दयनीय होते चली जा रही हैं।उन्होने सदन को बताया कि तीन दशक पहले चंदौली जिले में नहरों के माध्यम से फसलों की सिंचाई करके किसान काफी खुशहाल थे। लेकिन पिछले एक दशक से नहरों का मरम्मत नहीं कराया गया। जिसके चलते नहरों से खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचना दुर्लभ हो गया हैं। कहा कि चंदौली कृषि प्रधान जिला हैं। जहां के लोगों का खेती ही मुख्य आजिविका हैं। लेकिन केंद्र और प्रदेश की सरकारें चंदौली जिले की लगतार उपेक्षा कर रही हैं। कहा कि रेलवे का बहुत बड़ा जंक्शन होने के बाद भी खाद उतारने के लिए डीडीयू नगर स्टेशन पर रैक प्वाइंट नहीं हैं। जिसके चलते चंदौली की खाद वाराणसी जिले में उतरती हैं। इससे किसानों को समय से खाद और बीज भी नहीं मिल पाता हैं। कहा कि चंदौली के किसान कई बार खाद और बीज को लेकर आंदोलन कर चुके हैं। लेकिन केंद्र और प्रदेश की सरकारें किसानों को लेकर गंभीर नहीं हैं। कहा कि बजट में चंदौली के लिए अलग से व्यवस्था किया जाना चाहिए। ताकि किसान आधूनिक खेती के लिए अग्रसर हो सकें।



