मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दीपक मिश्रा की कोर्ट में सुनवाई




चंदौली। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दीपक मिश्रा की कोर्ट में सुनवाई के दौरान साक्ष्य सही पाए जाने पर डायग्नोस्टिक सेंटर संचालक शमशेर खां और उसके सहयोगी पिंटू यादव को तीन-तीन साल की कारावास की सजा सुनाई। वहीं 10-10 हजार रुपया जुर्माना लगाया।वर्ष 2016-17 में रहे जिलाधिकारी के निर्देश पर टीम गठित कर अवैध ढंग से संचालित किए जा रहे डाइग्नोस्टिक सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। टीम में शामिल सदस्य सकलडीहा तहसीलदार नारायण सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एसपी सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. नीलम ओझा ने 18 नवंबर 2016 को सकलडीहा बाजार में वीके डाइग्नोस्टिक सेंटर का औचक निरीक्षण किया था। जांच के दौरान उक्त डाइग्नोस्टिक सेंटर अवैध रूप से संचालित होते पाया गया था। इसपर सेंटर की अल्ट्रसाउंड मशीन, प्रिंटर आदि को सीज कर दिया गया था साथ ही सेंटर के संचालक वाराणसी जिले के रामनगर थाना नाका साहित्य निवासी शमशेर खां और सकलडीहा थाने के बर्थरा निवासी पिंटू यादव के विरुद्ध पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। साथ ही न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। सीएमओ डा. वाईके राय ने बताया कि इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियुक्तों को सजा दिलाए जाने के लिए लगातार पैरवी की जा रही थी।