चंदौली। डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन व सिविल बार एसोसिएशन द्वारा निर्मित न्यायालय एवं मुख्यालय निर्माण संघर्ष समिति की तत्वावधान में कचहरी परिसर चंदौली में आयोजित अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन 14वें दिन भी जारी रहा। इस दौरान भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन के युवा मंडल अध्यक्ष मनमन सिंह के नेतृत्व में यूनियन के कई सदस्यों ने अधिवक्ता आंदोलन को समर्थन दिया।
मंडल अध्यक्ष मनमन सिंह ने कहा कि अधिवक्ताओं का आंदोलन चंदौली को उसका हक दिलाने के लिए है, अपने लिए नहीं है। इसलिए जनपद के प्रत्येक व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है कि इस पुनीत व पावन आंदोलन का खुलकर समर्थन करें। उन्होंने यह भी कहा कि जिले की इस दुर्दशा के मुख्य जिम्मेदार जिले के जनप्रतिनिधि हैं और हम सभी अधिवक्ताओं की हर लड़ाई में कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार हैं। वहीं दूसरी ओर बिछियां गांव के पूर्व प्रधान व समाजसेवी संजय सिंह ने कहा कि अब चंदौली का हर आम आदमी इस आंदोलन को समर्थन करेगा और ऐसे भ्रष्ट नेताओं को चंदौली से भगाने का काम किया जाएगा। पूर्व महामंत्री अधिवक्ता जन्मेजय सिंह, सदस्य न्यायालय व मुख्यालय निर्माण संघर्ष समिति ने बताया कि अब आंदोलन का रूख बदलने जा रहा है। अगर ये जनप्रतिनिधि अपने दायित्वों को नहीं समझे और आगामी सोमवार तक प्रदेश के मुखिया से मिलकर जिले के विकास का मार्ग प्रशस्त नहीं किए तो सोमवार से आंदोलन तेज हो जाएगा। सोमवार और मंगलवार को इन जनप्रतिनिधियों के लिए बुद्धि-शुद्धि यज्ञ का आयोजन किया गया है। वहीं बुधवार को इन्हें मृतप्राय समझकर प्रतीकात्मक शवयात्रा निकाली जाएगी। फिर लगातार 10 दिनों तक लगातार इनका प्रतीकात्मक शवदाह किया जाएगा। 10 दिन पर दसवां का कार्यक्रम होगा। जनप्रतिनिधि नहीं माने तो श्राद्ध व पिंडदान जैसे कार्यक्रम भी होंगे। यहां तक की पदयात्रा कर दिल्ली में प्रधानमंत्री से गुहार लगाई जाएगी। बावजूद इसके चंदौली की उपेक्षा हुई तो वाराणसी में पीएम के चुनाव का विरोध होगा। इस अवसर पर पंचानन पांडेय, मुरलीधर सिंह, विनय कुमार सिंह, संतोष कुमार सिंह, संतोष पाठक, राजेश दीक्षित, प्रदीप मिश्रा, महेंद्र पटेल, सत्येंद्र बिंद, धनंजय सिंह, अभिनव आनंद सिंह, गोकुल प्रसाद, रामकृत, संदीप सिंह, सत्य प्रकाश केशरी आदि मौजूद रहे। सिविल बार भीष्म नारायण सिंह व डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार के उपाध्यक्ष सुल्तान अहमद की अध्यक्षता में धरना शुरू किया गया। संचालन राकेश रत्न तिवारी ने किया।