राज्यसभा सांसद दर्शना सिंह ने चंदौली में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग की

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नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद दर्शना सिंह ने आज उच्च सदन में विशेष उल्लेख (स्पेशल मेंशन) के माध्यम से जनपद चंदौली में किसानों और युवाओं के हित में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों और युवाओं के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सकारात्मक प्रयासों के चलते कृषि शिक्षा और किसानों के लिए नई तकनीकों का विकास तेजी से हो रहा है। चंदौली, जो उत्तर प्रदेश के दक्षिणी भाग में स्थित है और पूर्वांचल का हिस्सा है, अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कृषि प्रधानता के लिए जाना जाता है।

दर्शना सिंह ने चंदौली को एक कृषि प्रधान जिला बताते हुए कहा कि यहाँ विकास की अपार संभावनाएँ हैं, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी हैं। यदि इन चुनौतियों का समाधान किया जाए, तो चंदौली कृषि, उद्योग और सामाजिक विकास के क्षेत्र में एक आदर्श जनपद बन सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि चंदौली को भारत सरकार ने आकांक्षी जिलों में शामिल किया है, जहाँ अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है और कृषि ही मुख्य व्यवसाय है।

सांसद ने कहा कि चंदौली की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार धान, गेहूँ, गन्ना, मटर और आलू जैसी फसलें हैं। हालांकि, यहाँ के किसानों को नई कृषि तकनीकों, जैविक खेती और वैज्ञानिक विधियों की सीमित जानकारी है। ऐसे में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना से क्षेत्र में कृषि अनुसंधान, नवाचार और आधुनिक कृषि शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। इससे पूर्वांचल के किसानों, छात्रों और शोधकर्ताओं को नई तकनीकों और विचारों का लाभ मिलेगा, जिससे क्षेत्र की कृषि प्रणाली सुदृढ़ होगी।

सदन में अपनी बात रखते हुए सांसद दर्शना सिंह ने सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का आभार व्यक्त किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार जल्द ही जनपद चंदौली में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना करेगी।

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